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तिरंगे का सम्मान

यह कहानी है एक छोटे बच्चे शिवा की।उसके मम्मी पापा बहुत कम पढ़े-लिखे थे।उसके पापा मजदूरी करते थे और मम्मी गांव के एक छोटे से स्कूल में सफाई का काम करती थीं।स्कूल में टीचर दीदी अक्सर बच्चों को देशभक्ति की कहानियां सुनाती थीं और अपने देश का सम्मान करने की दिख देती थीं।वह सिखाती ,कि हमे अपने राष्ट्र ध्वज एवं राष्ट्रगीत का सम्मान करन चाहिए।शिवा की मम्मी घर आकर यही कहानियां शिवा को सुनाती जिनको सुनकर उसका मन अपने देश के प्रति असीम सम्मान और प्रेम से भरा था।
एक दिन सुबह  शिवा की मम्मी उसे तैयार करके अपने साथ स्कूल ले गईं।जब स्कूल पहुँचे तब शिवा ने देखा, पूरा स्कूल नारंगी, सफेद और हरे गुब्बारों से सजा था। हर तरफ देशभक्ति के गीत गूंज थे। स्कूल के बच्चे हाथ में तिरंगा लिए उत्साह से यहां वहां दौड़ रहे थे। स्वंतन्त्रता दिवस की धूमधाम देखकर शिवा बहुत खुश हुआ।स्कूल की बड़ी मैडम ने झंडा फहराया, फिर सभी ने राष्ट्रगीत गाया गया। इसके बाद टीचर दीदी ने उसे  दो लड्डू भी  दिए। सारा दिन शिवा बहुत खुश रहा और स्कूल की बातें करता रहा।
अगले दिन भी वह मम्मी से स्कूल जाने की जिद  करने लगा, जब बहुत बार मना करने पर वो नही माना तो मम्मी को उसे अपने साथ ले जाना पड़ा। जब स्कूल पहुंचे तो वहाँ आसपास कागज़ के तिरंगे बिखरे हुए थे। शिवा यह देखकर बहुत दुखी हुआ और बोला,"मम्मी हमारे देश का झण्डा यूं कचरे जैसे क्यों पड़ा है,यह तो बहुत गलत बात है।इतना बोलकर वह मम्मी का छुड़ाकर भाग गया और  जमीन पर धूल में पड़े तिरंगे उठाने लगा। अपने बच्चे को यह करते देख उसकी मम्मी भी उसके साथ तिरंगे उठाने लगी।
कुछ दूर खड़ी टीचर दीदी और स्कूल की बड़ी मैडम यह सब देख रही थीं ।शिवा जैसे छोटे बच्चे के मन में तिरंगे के प्रति प्रेम देखकर उनको बहुत गर्व हुआ और साथ ही शर्म भी आई क्योंकि राष्ट्रीय ध्वज जमीन पर पड़े थे।
वे शिवा की देशभक्ति और भोली बातों से बहुत प्रभावित हुई, उन्होंने खुश होकर शिवा को बिना फीस के स्कूल में पढ़ने की अनुमति दे दी।
इस कहानी में एक छोटा बच्चा हमें अपने तिरंगे के सम्मान की सीख देता है।
                           ✍️प्रीति ताम्रकार
                                जबलपुर(मप्र)


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4 Comments

Aliya khan

31-Aug-2021 12:29 PM

Nice कहानी

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Aliya khan

31-Aug-2021 12:28 PM

बहुत खूब

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Niraj Pandey

31-Aug-2021 11:02 AM

बहुत खूब👌

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